मातृभूमि जय हे!
मातृभूमि जय हे!
हिरण्यगर्भे! जगद-अंबिके!
मातृभूमि! जय हे!
अमरनाथ से रामेश्वर तक,
सोमनाथ से भुवनेश्वर तक।
मेघालय - बंगाल - चेन्नई,
अंदमान, गोआ-परिसर तक।
शस्य-श्यामला, प्राणदायिनी!
पुण्य भूमि! जय हे!
है पीयूष-वारि की धारा,
सूर्य-सोम ने जिसे दुलारा।
पवन प्राण...