Recent content by subhambasu

  1. subhambasu

    स्वतन्त्रता दिवस कविताएं

    मातृभूमि जय हे! मातृभूमि जय हे! हिरण्यगर्भे! जगद-अंबिके! मातृभूमि! जय हे! अमरनाथ से रामेश्वर तक, सोमनाथ से भुवनेश्वर तक। मेघालय - बंगाल - चेन्नई, अंदमान, गोआ-परिसर तक। शस्य-श्यामला, प्राणदायिनी! पुण्य भूमि! जय हे! है पीयूष-वारि की धारा, सूर्य-सोम ने जिसे दुलारा। पवन प्राण...
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