Patriotic Shayari (Hindi)

देश वासियों याद करो

देश वासियों याद करो तुम उन महान बलिदानों को।
देश के खातिर जान लुटाई, देश की उन संतानों को।


जिनके कारण तान कर छाती खड़ा यह पर्वतराज है।
जिनके चलते सबके सर पर आज़ादी का ताज है।
महाकाल भी काँपा जिनसे मौत के उन परवानों को।

देश वासियों याद करो...

देख कर टोली देव भी बोले देखो-देखो वीर चले।
गर पर्वत भी आया आगे, पर्वत को वो चीर चले।
जिनसे दुश्मन डर कर भागे ऐसे वीर जवानों को।

देश वासियों याद करो...

जिनने मौत का गीत बजाया अपनी साँसों की तानों पर।
पानी फेरा सदा जिन्होंने दुश्मन के अरमानों पर।
मेहनत से जिनने महल बनाया उजड़े हुए वीरानों को।

देश वासियों याद करो...

हँस-हँस कर के झेली गोली जिनने अपने सीनों पर।
अंत समय में सो गए जो रख कर माथा संगीनों पर।
शत-शत नमन कर रहा है मन मेरा ऐसे दीवानों को।

देश वासियो याद करो...

- विकास परिहार
 
हमारा तिरंगा

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हवा मे फहराता
यह है हमारा झंड़ा
रंगो मे रंगबिरंगा
यह है हमारा तिरंगा ।।

आज़ादी का है यह निशान
है इसपर हम सब कुर्बान
यह दीप है हम पतंगा
यह है हमारा तिरंगा ।।

हम सब का है यह सम्मान
हम सब की है यह पहचान
यह वस्त्र है हम धागा
यह है हमारा तिरंगा ।।

लेते हैं हथेली पर जान
देखकर इसे जवान
यह महासागर है हम गंगा
यह है हमारा तिरंगा ।।

मुश्किल नही कोई भी काम
जब करते हैं इसे सलाम
समझ लो तुम यह सारंगा
यह है हमारा तिरंगा ।।

जब जब यह लहरायेगा
देशभक्ति के किरणोंको फैलायेगा
सबमें फिरसे उम्मीद जगायेगा
ऐसा है हमारा तिरंगा ।।
 
स्वतंत्र भारत की ध्वजा - रामधारी सिंह ’दिनक&#2

नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो !
नमो नगाधिराज – श्रृंग की विहारिणी !
नमो अनंत सौख्य-शक्ति-शील-धारिणी!
प्रणय-प्रसारिणी, नमो अरिष्ट-वारिणी!
नमो मनुष्य की शुभेषणा-प्रचारिणी!
नवीन सूर्य की नयी प्रभा,नमो, नमो!

हम न किसी का चाहते तनिक, अहित, अपकार।
प्रेमी सकल जहान का भारतवर्ष उदार।
सत्य न्याय के हेतु
फहर फहर ओ केतु
हम विचरेंगे देश-देश के बीच मिलन का सेतु
पवित्र सौम्य, शांति की शिखा, नमो, नमो!


तार-तार में हैं गुंथा ध्वजे, तुम्हारा त्याग!
दहक रही है आज भी, तुम में बलि की आग।
सेवक सैन्य कठोर
हम चालीस करोड़ *
कौन देख सकता कुभाव से ध्वजे, तुम्हारी ओर
करते तव जय गान
वीर हुए बलिदान,
अंगारों पर चला तुम्हें ले सारा हिन्दुस्तान!
प्रताप की विभा, कृषानुजा, नमो, नमो!
 
can anyone explain what this poem means ?? An english translation to it please ...

मेरा यह मानना है
मेरा भारत सब दशों से महान है।
नहीं है ऐसा कोई अन्य देश,
युगों बीतने पर भी वैसा ही है परिवेश,
विभिन्नता में एकता के लिए, प्रसिद्ध है हर प्रदेश,
प्रेम, अहिंसा, भाईचारे का जो है देता संदेश।


मेरा यह मानना है
मेरा भारत सब देशों से महान है।
ऋषि-मुनियों की जो है तपोभूमि,
कई नदियों से भरी है ये पुण्य भूमि,
प्रकृति का है मस्त नजारा यहाँ,
छोड़ इसे जाए हम और अब कहाँ


मेरा यह मानना है
मेरा भारत सब देशों से महान है,
जाति, धर्म का है जहाँ अनूठा संगम,
देशभक्ति की लहर में, भूल जाते सब गम,
देश के लिए मर मिटने को सब है तैयार,
अरे दुनिया वालों, हम है बहुत होशियार,
न छेड़ो हमें, कासर नहीं है हम खबरदार,
अपनी माँ को बचाने, लेगें हम भी हथियार।

मेरा यह मानना है
मेरा भारत सब देशों से महान है ।

English explanation of this lyric please ..
 
सरफरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है

यही जमी थी यही गगन था
यहीं का गाँधी वही शिवाजी
यहीं भगत ने लड़ाई लड़ी
इन सपूत्तों को समझलें
यही समझ हर नर में है
देखना है जोश कितना नवयुगी युवा में है....



अंग्रेजों से लड़ गए थे वो
भारत माँ को आजाद किया
तोड़ जंजीरें दासता की
एकता में भारत वर्ष सीया
बहुत नमी थी लघु-लघु था
पर पवन आजाद हुई
इस आज़ादी का निशा अब हमारी पहचान में है
देखना है महत्वा कितना इसका युवा दिल में है

आजाद हुआ अपना जहान
अब यहाँ सरकार बनी
लोक राज में में और मेरा
देश प्रेम की बलि चड़ी
व्यस्त हुए सब खुद ही खुद में
अपनी माँ को भूल गए
जिस पीड़ी को काम था करना
वो ही है बेकार पड़ी
अपने कर्तव्यों को समझना अब जरुरत पहेल में है
देखना है जागरूक कितना युवा अब इस देश में है


क्रांति हमको चाहिए
नहीं अब और बर्दास्त हो
छुप के भावनाओं पे वार करें
उस नेता का पर्दा फाश हो
देश के बदले राज्य को चाहे
उसका अब तो नाश हो
इन भेड़ों की हक़ुइक़त को जो जाने अब वो आवाज गुजने को है
देखना है युवा कितना अब उसक साथ में है

सरफरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है
युवा हम आवाज बने,आग वो इस लघु में है
नहीं किसी का इन्तेजार करें अब
हम खुद ही इम्तिहान फिर परिणाम भी दें
माँ हमारी बेबस पड़ी है
उसका हम अब उधार करें
ना ही दौलत और ना शोहरत
फिर से सवतंत्र संग्राम लड़ो
सरकार ने चूड़ी पेहन राखी है
मैंने तलवार की अब लाज रखी
चल पड़ी हूँ ......अब निगाह तो राह में है
देखना है युवा कितना अब मेरी ही पनाह में है .....................


सरफरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है


Writer : Unknown
 
आजादी की सौंधी खुशबू,
जब नथुनों में भर आती है,
सर उठाकर जीने की,
तब आदत सी हो जाती है|

संघर्ष किया था जब सबने,
वो साल पुराना लगता है,
खून बहाया था जिसने,
वो भाई बेगाना लगता है|

बापू की तस्वीर पर,
बस फूल चड़ाए जाते हैं,
१०% कमीशन पर,
सब काम कराये जाते हैं|

आजादी बोले कुछ, तू सुन,
६३ साल की हो गयी हूँ में,
अब मुझमें वैसी बात नहीं,
मेरे बूढ़े कन्धों में अब,
पहले जैसी जान नहीं|

मेरे बच्चों अब तुम पर है,
की देश का आगे क्या कुछ हो,
अपने सपने तुम खुद देखो,
तुम खुद ही उन्हें साकार करो|

हे माँ तू ऐसा क्यों बोले,
तूने तो बहुत कुछ है दिया,
हिम्मत, सोच और इज्जत का,
जीवन में हमारे प्रकाश किया|

महनत करेंगे सब मिलकर,
देश को आगे ले जायेंगे,
ज़रुरत पड़ी तो फिर एक बार,
हम अपना लहू बहाएंगे|

देश मेरे देश मेरे,
तू ही मेरा तीर्थ है,
तू ही मेरे चारों धाम,
मैं जी लूँगा फिर और कभी,
इस बार करी जां तेरे नाम|
 
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